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सर्वप्रथम तो मैं जागरण जंक्शन पर उपस्तित लोगों को नमस्कार करता हूँ, नमस्कार!
चूँकि जंक्शन पर ये मेरा पहला ब्लॉग है तो भ्रमित हूँ कि शुरुआत कहाँ से करू और क्या लिखूं ? और किसके बारे में लिखूं? पहले सोंचा कोई कविता लिखता हूँ नहीं कोई कहानी लिखता हूँ फिर सोंचा किसके बारे में लिखूं मैं ये सोंच ही रहा था कि ध्यान आया मैं ऐसी चीज़ के बारे में लिखता हूँ जिसको हमेशा से ही first रखा गया है चाहे वो रेलवे टिकट कि लाइन हो या किसी अन्य लाइन उनको हमेशा ये कहकर आगे कर दिया जाता है कि ladies first | तो मैं भी इसी अधभुत चीज से अपने ब्लॉग कि शुरुआत करता हूँ | ये सब बाते तो थी मजाक की, अब मैं अपने असल मुद्दे पर आता हूँ पिछले दिनों एक लेख बहुत ही चर्चित रहा ” सभी मर्द एक जैसे आखिर क्यूँ ” इस पर लोगों ने अपनी अलग- अलग राय दी कुछ पक्ष में तथा अधिकतम विपक्ष में ही देखने को मिले | अतः मैं खुद भी इसके विपक्ष में हूँ कि सभी मर्द एक जैसे ही होते है | सभी मर्द एक जैसे बिलकुल नहीं होते हाँ अगर ये कहा जाता कि सभी स्त्री एक जैसे होती है तो शायद मैं मान भी लेता लेकिन ये भी सही नहीं है | समाज में रहने वाले दो लोग कभी एक जैसे नहीं हो सकते फिर ये बात तो सभी की है | हाँ आकृति, बनाबट, और शक्ल एक जैसी हो सकती है किन्तु जो मुख्य चीज है वो है “गुण” और वो कभी एक जैसे नहीं हो सकते | गुण ही एक इन्सान को भगवन की, गुरु की, या एक महान व्यक्तिव की उपाधि देता है | और अगर आप प्यार में धोखे की बात करते है तो मैं आपको बताना चाहूँगा जितना दिल से लड़के प्यार करते है उतने दिल से लड़किया नहीं करती | कुछ मामलो में सुनने को मिला है कि लड़किया भी दिल से प्यार करती है | मैं अभी जादा बड़ा तो नहीं लेकिन मैंने अब तक कि उम्र में ये कभी नहीं सुना कि किसी लड़की ने किसी नदी, ट्रेन या जहर खा कर अपनी जान दी हो हाँ ये अक्सर सुनने को मिलता है कि आज एक लड़के ने दो या तीन साल के प्यार में असफल हो कर जहर खा कर अपनी जान दे दी | अगर कोई प्यार में अकेला मरता है तो वो सिर्फ लड़का होता है वरना दोनों ही मरते है लेकिन किसी लड़की को मैंने प्यार में अकेले मरते नहीं देखा न ही कभी सुना| आखिर क्यूँ ? और भी एक बात मैंने कभी नहीं सुनी कि कोई लड़की दिल के दौरे से मरी हो लेकिन लड़के रोज इस बीमारी से मरते है आखिर क्यूँ ?
और अगर हम बात करे प्यार में कुछ बनबाने कि तो एक लड़का ही है जो अपने प्यार के लिए कुछ भी कर सकता और उसके खातिर अपनी सारी उम्र अकेले ही बिताने को तैयार हो जाता है | अगर हम बात करते है कुछ बनबाने कि तो एक पुरुष ही था जिसने अपने प्यार कि याद में एक ऐसी चीज बनवा दी जिसको हम प्यार का प्रतीक भी कहते है | इतना कुछ कहने का मेरा कोई गलत देह नाही है मैं तो सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि स्त्रियों के मन में पुरुषो के लिए जो गलत सोंच है उसको बदलने कि जरुरत है |
जिन्दगी बहुत लम्बी है अकेले नहीं गुजारी जा सकती
जीवन में कभी न कभी साथ कि जरुरत पड़ जाती है
साथ अच्छा हो तो जिन्दगी स्वर्ग,
और साथ ख़राब हो तो जिन्दगी नरक बन जाती है|
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