Yuva
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उनका नाम भी हम दिल से मिटाने लगे
जख्म- ए -दिल पे हम पर्दा गिराने लगे
यादों को उनकी हम सूली चढाने लगे
खुश है उनके बिन ये हम जताने लगे
जी ले उनके बगैर इस दिल को हम समझाने लगे
जब वो हमे ज़माने में तन्हा छोड़ कर जाने लगे
दो दिन के प्यार को हम दिल से लगाने लगे
इस प्यार के खातिर खुद को हम मिटाने लगे
फिर तो देवता भी हमे बुलाने लगे
छोड़कर दुनिया हम खुदा के पास जाने लगे
लोग लाश पे जब हमारी कफ़न पहनाने लगे
वो जान कर मोहब्बत हमारी पछताने लगे
उनकी भी आँखों में आंसू आने लगे
जब लोग ताबूत हमारा दफ़नाने लगे
करते थे वो भी इश्क ‘नितिन’ से ये जताने लगे
बहाने आंसू हर रोज वो हमारी कब्र पे आने लगे
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