Yuva
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जिंदगी ने जो दिए है, वो सितम है कम
खुशियाँ मिली है कम, जादा मिले है गम
‘ख़ुशी’ आती है तो, खुश होते है हम
बिछड़ते है तड़पते है, रहे जाते है गम
सोचता था मैं कि, वो ही है मेरे सनम
जबसे लगाया दिल, पाये है सिर्फ गम
छोड़कर वो चले मुझे, देकर एक कसम
खुश ही रहना तुम, न लेना कोई गम
अकेला हूँ जहाँ में, सह रहा हूँ सितम
चाह जिसे दिल से, उसी ने दिए है गम
लुट गया सबकुछ मेरा, सिर्फ बचे है हम
ख़त्म करे खुद को, और ख़त्म करे सारे गम
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