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था मैं एक छोटा बच्चा
जो खेलता था पाली में
देखता था झुनझुने को
हस देता था ताली में
माँ उठाती जब गोद मुझे
तब दिल को सुकून मिलता था
छुपा लेती थी जब आंचल में
मानो आराम वहीँ मिलता था
उस माँ के दूध को मैं
एक बार फिर पीना चाहता हूँ..
ध्यान नहीं जो बीते पल
मैं उन्हें फिर जीना चाहता हूँ….
*
हुआ जब मैं इतना बड़ा
तब मुझे ये ध्यान आया
न ढूँढा मैंने किसी को
भाई-बहन का जब साथ पाया
छोटा था मैं अपने घर में
जब तक न ये भुला पाया
मंजूर था खुदा का और कुछ ही
छीन लिया माँ-बाप का साया
उस बाप की गोदी पर मैं
एक बार फिर झूना चाहता हूँ
खो गया जो परिवार मेरा
मैं उन्हें फिर जीना चाहता हूँ….
*
फिर छोड़ दिया हमने उस शहर को
सहकर खुदा के हर कहर को
आ पहुंचे हम एक नए शहर को
थे सभी पर छोड़ कर कुछ को
पीछे छोड़ दिया मैं अतीत को
भूल गया मैं सबकुछ क्षणिक
वो अतीत फिर याद आता है
बीता बचपन फिर मुझे बुलाता है
लगे है जो घाव जिगर पे
मैं उन्हें सीना चाहता हूँ
बीते थे जो पल परिवार के साथ
मैं उन्हें फिर जीना चाहता हूँ…….
मैं एक बार फिर जीना चाहता हूँ………
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